Ashes of Holika Dahan: होलिका दहन की राख से क्या होता है?
होलिका दहन की राख (Holika Dahan Ki Rakh) को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक समझा जाता है। यह राख होलिका दहन के बाद बची हुई अग्नि की शेष गर्मी को प्रतिस्थापित करती है और उसे धरती पर रहने के लिए शुभ और प्राणित करती है।
आध्यात्मिक महत्व:
1. शुभता की प्रतीक:
होलिका दहन की राख को लोग अपने घरों में रखते हैं। यह उनके घर को शुभता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
2. रोग निवारण:
कई स्थानों पर इस राख का धूप दीपक में घोंटके के रूप में देखा जाता है। इससे मान्यता है कि इससे घर में रहने वाले रोग और बुराईयों से मुक्ति मिलती है।
3. पुनः जीवन की आशा:
होलिका दहन की राख से यह संदेश मिलता है कि हर काम की प्रारंभिक सफलता के बाद भी सम्भावना है कि अगले कठिनाईयों का सामना किया जा सकता है और उन्हें पार किया जा सकता है। इससे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
प्रयोग और उपयोग:
1. इस राख को दीपावली के दिन अपने घर में लगाने से घर की सुरक्षा और शुभता का महसूस होता है।
2. कुछ लोग इस राख को अपनी उंगलियों पर लगाते हैं और फिर अपने घर के द्वार पर चिह्न बनाते हैं।
3. यह राख बहुत से लोगों द्वारा पूजन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
4. कई लोग इस राख को अपने लिए लकड़ी के कपड़े में बांधकर रखते हैं, जिससे उन्हें सुख और शांति मिलती है।
इस राख को होलिका दहन के बाद उठाकर ध्यान से संज्जित करना चाहिए और इसे संभावना से दूर रखना चाहिए। यह एक पवित्र संदेश है और इसके माध्यम से लोग अपने घर को शुभ और सुरक्षित बनाए रख सकते हैं।
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